काढा से लीवर को नुकसान पहुंचने का कोई सबूत नहीं : आयुष मंत्रालय

आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को उन दावों को सिरे से खारिज किया कि लंबे समय तक काढे का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचना है।

मंत्रालय का कहना है कि ‘‘यह गलत धारणा’’ है क्योंकि काढा बनाने में उपयोग होने वाली सभी चीजें घरों में खाना पकाते समय इस्तेमाल की जाती हैं।

गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए काढे के सेवन का सुझाव दिया है।

संवाददाता सम्मेलन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दालचीनी, तुलसी और काली मिर्च का उपयोग काढा बनाने के लिए किया जाता है और उनका श्वसन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव होता है।

मंत्रालय ने अन्य चीजों के साथ-साथ तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ (अदरक का पाऊडर) और किशमिश का उपयोग कर काढा बनाने और दिन में एक-दो बार उसका सेवन करने की सलाह दी थी।

कोटेचा ने कहा, ‘‘ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि काढा से लीवर को नुकसान पहुंचता है। यह गलत धारणा है क्योंकि काढे की सारी सामग्री का उपयोग घरों में भोजन पकाने में होता है।’’   साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ यह कितना प्रभावी है, इसका पता लगाने के लिए अनुसंधान जारी है।

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